
Sunday Aug 28, 2016
नेलकटर - उदय प्रकाश
"मैं कभी कभी बहुत डर जाता था और रोता था। अपने जीवन में अचानक मुझे कोई एक बहुत खाली - बिलकुल खाली जगह दिख जाती थी। यह बहुत डरावना होता था। उस दिन माँ ने मुझे बुलाया। बाहर मैदान में घास का रंग गहरा हरा था। बादल बहुत थे और हवा में भार था। वह भीगी हुई थी।"
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