
Wednesday Nov 09, 2016
अर्पण - अशोक कुमार छाबड़ा
लेखक - श्री अशोक कुमार छाबड़ा
"जो अच्छा होता है, क्यों वह कष्ट में नज़र आता है? क्यों बुरे लोग मज़े लूटते दिखते हैं?
मेरे अंतर्मन में ये सवाल कौंध रहे थे।
लेकिन जब मौसम बदला तो जवाब मिल गए।"
Wednesday Nov 09, 2016
लेखक - श्री अशोक कुमार छाबड़ा
"जो अच्छा होता है, क्यों वह कष्ट में नज़र आता है? क्यों बुरे लोग मज़े लूटते दिखते हैं?
मेरे अंतर्मन में ये सवाल कौंध रहे थे।
लेकिन जब मौसम बदला तो जवाब मिल गए।"
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